इस्राएल के सभी लोगों ने आकाश से आग को उतरते देखा। इस्राएल के लोगों ने मन्दिर पर भी यहोवा के तेज को देखा। उन्होंने अपने चेहरे को चबूतरे की फर्श तक झुकाया। उन्होंने यहोवा की उपासना की तथा उसे धन्यवाद दिया। उन्होंने गाया, “यहोवा भला है, और उसकी दया सदा रहती है।” [*यहोवा … रहती है देखें भजन. 136]
राजा सुलैमान ने बाईस हज़ार बैल और एक लाख बीस हज़ार भेड़े भेंट कीं। राजा और सभी लोगों ने परमेश्वर के मन्दिर को पवित्र बनाया। इसका उपयोग केवल परमेश्वर की उपासना के लिये होता था।
याचक अपना कार्य करने के लिये तैयार खड़े थे। लेवीवंशी भी यहोवा के संगीत के उपकरणों के साथ खड़े थे। ये उपकरण राजा दाऊद द्वारा यहोवा को धन्यवाद देने के लिये बनाए गए थे। याचक और लेवीवंशी कह रहे थे, “यहोवा का प्रेम सदैव रहता है!” जब लेवीवंशियों के दूसरी ओर याजक खड़े हुए तो याचकों ने अपनी तुरहियाँ बजाई और इस्राएल के सभी लोग खड़े थे।
सुलैमान ने यहोवा के मन्दिर के सामने वाले आँगन के मध्य भाग को भी पवित्र किया। यह वही स्थान है जहाँ सुलैमान ने होमबलि और मेलबलि की चर्बी चढ़ाई। सुलैमान ने आँगन का मध्य भाग काम में लिया क्योंकि काँसे की वेदी पर जिसे सुलैमान ने बनाई थी, सारी होमबलि, अन्नबलि और चर्बी नहीं आ सकती थी वैसी भेंटें बहुत अधिक थीं।
सुलैमान और इस्राएल के सभी लोगों ने सात दिनों तक दावतों का उत्सव मनाया। सुलैमान के साथ लोगों का एक बहुत बड़ा समूह था। वे लोग उत्तर दिशा के हमथ नगर के प्रवेश द्वार तथा दक्षिण के मिस्र के झरने जैसे सुदूर क्षेत्रों से आये थे।
आठवें दिन उन्होंने एक धर्मसभा की क्योंकि वे सात दिन उत्सव मना चुके थे। उन्होंने वेदी को पवित्र किया और इसका उपयोग केवल यहोवा की उपासना के लिये होना था और उन्होंने सात दिन दावत का उत्सव मनाया।
सातवें महीने के तेईसवें दिन सुलैमान ने लोगों को वापस उनके घर भेज दिया। लोग बड़े प्रसन्न थे और उनका हृदय आनन्द से भरा था क्योंकि यहोवा दाऊद, सुलैमान और अपने इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत भला था।
तब यहोवा सुलैमान के पास रात को आया। यहोवा ने उससे कहा, “सुलैमान, मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी है और मैंने इस स्थान को अपने लिये बलि के गृह के रूप में चुना है।
और मेरे नाम से पुकारे जाने वाले लोग यदि विनम्र होते तथा प्रार्थना करते हैं, और मुझे ढूढ़तें हैं और अपने बुरे रास्तों से दूर हट जाते हैं तो मैं स्वर्ग से उनकी सुनूँगा और मैं उनके पाप को क्षमा करूँगा और उनके देश को अच्छा कर दूँगा।
अब सुलैमान, यदि तुम मेरे सामने वैसे ही रहोगे जैसे तुम्हारा पिता दाऊद रहा, यदि तुम उन सभी का पालन करोगे जिनके लिये मैंने आदेश दिया है और यदि तुम मेरे विधियों और नियमों का पालन करोगे।
तब मैं तुम्हें शक्तिशाली राजा बनाऊँगा और तुम्हारा राज्य विस्तृत होगा। यही वाचा है जो मैंने तुम्हारे पिता दाऊद से की है। मैंने उससे कहा था, ‘दाऊद, तुम अपने परिवार में एक ऐसा व्यक्ति सदा पाओगे जो इस्राएल में राजा होगा।’
तब मैं इस्राएल के लोगों को अपने उस देश से बाहर करूँगा जिसे मैंने उन्हें दिया है। मैं इस मन्दिर को अपनी आँखों से दूर कर दूँगा। जिसे मैंने अपने नाम के लिये पवित्र बनाया है। मैं इस मन्दिर को ऐसा कुछ बनाऊँगा कि सभी राष्ट्र इसकी बुराई करेंगे।
तब लोग उत्तर देंगे, ‘क्योंकि इस्राएल के लोगों ने यहोवा’ परमेश्वर जिसकी आज्ञा का पालन उनके पूर्वज करते थे, उसकी आज्ञा पालन करने से इन्कार कर दिया। वह ही परमेश्वर है जो उन्हें मिस्र देश के बाहर ले आया। किन्तु इस्राएल के लोगों ने अन्य देवताओं को अपनाया। उन्होंने मूर्ति रूप में देवताओं की पूजा और सेवा की। यही कारण है कि यहोवा ने इस्राएल के लोगों पर इतना सब भयंकर घटित कराया है।”