छ: वर्ष, बाद यहोयादा ने अपनी शक्ति दिखाई। उसने नायकों के साथ सन्धि की। वे नायक: यरोहाम का पुत्र अजर्याह, यहोहानान का पुत्र इश्माएल, ओबेद का पुत्र अजर्याह, अदायाह का पुत्र मासेयाह और जिक्री का पुत्र एलीशापात थे।
वे यहूदा के चारों ओर गए और यहूदा के सभी नगरों से उन्होंने लेवीवंशियों को इकट्ठा किया। उन्होंने इस्राएल के परिवारों के प्रमुखों को भी इकट्ठा किया। तब वे यरूशलेम गए।
सभी लोगों ने एक साथ मिलकर राजा के साथ परमेश्वर के मन्दिर में एक सन्धि की। यहोयादा ने इन लोगों से कहा, “राजा का पुत्र शासन करेगा। यही वह वचन है जो यहोवा ने दाऊद के वंशजों को दिया था।
किसी भी व्यक्ति को यहोवा के मन्दिर में न आने दो। केवल सेवा करने वाले याजकों और लेवीवंशियों को पवित्र होने के कारण, यहोवा के मन्दिर में आने की स्वीकृति है। किन्तु अन्य लोग वह कार्य करेंगे जो यहोवा ने दे रखा है।
लेवीवंशी राजा के साथ रहेंगे। हर एक व्यक्ति अपनी तलवार अपने साथ रखेगा। यदि कोई व्यक्ति मन्दिर में प्रवेश करने की कोशिश करता है तो उस व्यक्ति को मार डालो। तुम्हें राजा के साथ रहना है, वह जहाँ कहीं भी जाये।”
लेवीवंशी और यहूदा के सभी लोगों ने याजक यहोयादा ने जो आदेश दिया, उसका पालन किया। याजक यहोयादा ने याजकों के समूह में से किसी को छूट न दी। इस प्रकार हर एक नायक और उसके सभी लोग सब्त के दिन उनके साथ अन्दर आए जो सब्त के दिन बाहर गए थे।
तब यहोयादा ने लोगों को बताया कि उन्हें कहाँ खड़ा होना है। हर एक व्यक्ति अपने हथियार अपने हाथ में लिये था। पुरुष मन्दिर की दाँयी ओर से बाँयी ओर तक लगातार खड़े थे। वे वेदी, मन्दिर और राजा के निकट खड़े थे।
वे राजा के पुत्र को बाहर लाए और उसे मुकुट पहना दिया। उन्होंने उसे व्यवस्था के पुस्तक की एक प्रति दी। [*उन्होंने उसे … प्रति दी हिब्रू में पाठ हैं, “उन्होंने उसे प्रमाण पत्र दिया।” यहाँ शब्द का अर्थ उन नियमों की प्रति है जिनका पालन राजा को करना था। देखें व्यवस्था. 17:18] तब उन्होंने योआश को राजा बनाया। यहोयादा औऱ उसके पुत्रों ने योआश का अभिषेक किया। उन्होंने कहा, “राजा दीर्घायु हो!”
उसने नजर दौड़ाई और राजा को देखा। राजा राज स्तम्भ के साथ सामने बाले द्वार पर खड़ा था। अधिकारी और लोग जो तुरही बजाते थे, राजा के पास थे। देश के लोग प्रसन्न थे और तुरही बजा रहे थे। गायक संगीत वाद्यों को बजा रहे थे। गायक प्रशंसा के गायन में लोगों का नेतृत्व कर रहे थे। तब अतल्याह ने अपने वस्त्रों को फाड़ डाला, और उसने कहा, “षड़यन्त्र!”
याजक यहोयादा सेना के नायकों को बाहर लाया। उसने उनसे कहा, “अतल्याह को, सेना से, बाहर ले आओ। अपनी तलवार का उपयोग उस व्यक्ति को मार डालने के लिये करो जो उसके साथ जाता है।” तब याजक ने सैनिकों को चेतावनी दी, “अतल्याह को यहोवा के मन्दिर में मत मारो।”
सभी लोग बाल की मूर्ति के मन्दिर में गए और उसे उखाड़ डाला। उन्होंने बाल के मन्दिर की वेदियों और मूर्तियों को तोड़ डाला। उन्होंने बाल की वेदी के सामने बाल के याजक मत्तान को मार डाला।
तब यहोयादा ने यहोवा के मन्दिर के लिये उत्तरदायी याजकों को चुना। वे याजक लेवीशंशी थे और दाऊद ने उन्हें यहोवा के मन्दिर के प्रति उत्तरदायी होने का कार्य सौंपा था। उन याजकों को होमबलि मूसा के आदेश के अनुसार यहोवा को चढ़ानी थी। वे अति प्रसन्नता से दाऊद के आदेश के अनुसार गाते हुए बलि चढ़ाते थे।
यहोयादा ने सेना के नायकों, प्रमुखों, लोगों के प्रशासकों और देश के सभी लोगों को अपने साथ लिया। तब यहोयादा ने राजा को यहोवा के मन्दिर से बाहर निकाला और वे ऊपरी द्वार से राजमहल में गए। उस स्थान पर उन्होंने राजा को गद्दी पर बिठाया।