सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: ‘जब इस्राएली मिस्र से बाहर आये तब अमालेकियों ने उन्हें कनान पहुँचाने से रोकने का प्रयत्न किया। मैंने देखा कि अमालेकियों ने उन्हें क्या किया।
अब जाओ और अमालेकियों से युद्ध करो। तुम्हें अमालेकियों और उनकी सभी चीज़ों को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिये। कुछ भी जीवित न रहने दो, तुम्हें सभी पुरुषों और स्त्रियों को मार डालना चाहिये। तुम्हें सभी बच्चों और शिशुओं को मार डालना चाहिए। तुम्हें उनकी सभी गायों, भेड़ों, ऊँटों और गधों को मार डालना चाहिये।’ ”
शाऊल ने केनियों से कहा, “चले जाओ, अमालेकियों को छोड़ दो। तब मैं तुम लोगों को अमालेकियों के साथ नष्ट नहीं करूँगा। तुम लोगों ने इस्राएलियों के प्रति दया दिखाई थी जब वे मिस्र से आये थे।” इसलिए केनी लोगों ने अमालेकियों को छोड़ दिया।
किन्तु शाऊल और इस्राएल के सैनिकों ने अगाग को जीवित रहने दिया। उन्होंने सर्वोत्तम भेड़ों, मोटी तगड़ी गायों और मेमनों को भी रख लिया। उन्होंने रखने योग्य सभी चीज़ों को रख लिया और उन्होंने उन सभी चीज़ों को नष्ट कर दिया जो किसी काम की न थी।
यहोवा ने कहा, “शाऊल ने मेरा अनुसरण करना छोड़ दिया है। इसलिए मुझे इसका अफसोस है कि मैंने उसे राजा बनाया। वह उन कामों को नहीं कर रहा है जिन्हें करने का आदेश मैं उसे देता हूँ।” शमूएल भड़क उठा और फिर उसने रात भर यहोवा की प्रार्थना की।
शमूएल अगले सवेरे उठा औ शाऊल से मिलने गया। किन्तु लोगों ने बताया, “शाऊल यहूदा में कर्मेल नामक नगर को गया है। शाऊल वहाँ अपने सम्मान में एक पत्थर की यादगार बनाने गया था। तब शाऊल ने कई स्थानों की यात्रा की और अन्त में गिलगाल को चला गया” इसलिये शमूएल वहाँ गया जहाँ शाऊल था। शाऊल ने अमालेकियों से ली गई चीज़ों का पहला भाग ही भेंट में चढ़ाया था। शाऊल उन्हें होम बलि के रूप में यहोवा को भेंट चढ़ा रहा था।
शाऊल ने उत्तर दिया, “सैनिकों ने उन्हें अमालेकियों से लिया। सैनिकों ने सर्वोत्तम भेड़ों और पशुओं को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा को बलि के रूप में जलाने के लिए बचा लिया है। किन्तु हम लोगों ने अन्य सभी चीज़ों को नष्ट कर दिया है।”
शमूएल ने कहा, “बीते समय में, तुमने यही सोचा था की तुम महत्वपूर्ण नहीं हो। किन्तु तब भी तुम इस्राएल के परिवार समूहों के प्रमुख बन गए। यहोवा ने तुम्हें इस्राएल का राजा चुना।
यहोवा ने तुम्हें एक विशेष सेवाकार्य के लिये भेजा। यहोवा ने कहा, ‘जाओ और उन सभी बुरे अमालेकियों को नष्ट करो! उनसे तब तक लड़ते रहो जब तक वे नष्ट न हो जायें!’
शाऊल ने कहा, “किन्तु मैंने तो यहोवा की आज्ञा का पालन किया। मैं वहाँ गया जहाँ यहोवा ने मुझे भेजा। मैंने सभी अमालेकियों को नष्ट किया। मैं केवल उनके राजा अगाग को वापस लाया।
किन्तु शमूएल ने उत्तर दिया, “यहोवा को इन दो में से कौन अधिक प्रसन्न करता है: होमबलियाँ और बलियाँ या यहोवा की आज्ञा का पालन करना? यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया जाये इसकी अपेक्षा कि उसे बलि भेंट की जाये। यह अधिक अच्छा है कि परमेश्वर की बाते सुनी जाये इसकी अपेक्षा कि मेढ़ों से चर्बी—भेंट की जाये।
आज्ञा के पालन से इनकार करना जादूगरी करने के पाप जैसा है। हठी होना और मनमानी करना मूर्तियों की पूजा करने जैसा पाप है। तुमने यहोवा की आज्ञा मानने से इन्कार किया। इसी करण यहोवा अब तुम्हें राजा के रूप में स्वीकार करने से इन्कार करता है।”
तब शाऊल ने शमूएल से कहा, “मैंने पाप किया है। मैंने यहोवा के आदेशों को नहीं माना है और मैंने वह नहीं किया है जो तुमने करने को कहा। मैं लोगों से डरता था इसलिए मैंने वह किया जो उन्होंने कहा।
किन्तु शमूएल ने शाऊल से कहा, “मैं तुम्हारे साथ नहीं लौटूँगा। तुमने यहोवा के आदेश को नकारा है और अब यहोवा तुम्हें इस्राएल के राजा के रूप में नकार रहा है।”
शमूएल ने शाऊल से कहा, “तुमने मेरे लबादे को फाड़ दिया। इसी प्रकार यहोवा ने आज इस्राएल के राज्य को तुमसे फाड़ दिया है। यहोवा ने राज्य तुम्हारे मित्रों में से एक को दे दिया है। वह व्यक्ति तुमसे अच्छा है।
शाऊल ने उत्तर दिया, “ठीक है, मैंने पाप किया! किन्तु कृपया मेरे साथ लौटो। इस्राएल के लोगों और प्रमुखों के सामने मुझे कुछ सम्मान दो। मेरे साथ लौटो जिससे मैं तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की उपासना कर सकूँ।”
शमूएल ने कहा, “अमालेकियों के राजा अगाग, को मेरे पास लाओ।” अगाग शमूएल के सामने आया। अगाग जंजीरों में बंधा था। अगाग ने सोचा, “निश्चय ही यह मुझे मारेगा नहीं।”
किन्तु शमूएल ने अगाग से कहा, “तुम्हारी तलवारों ने बच्चों को उनकी माताओं से छीना। अतः अब तुम्हारी माँ का कोई बच्चा नहीं रहेगा।” और शमूएल ने गिलगाल में यहोवा के सामने अगाग के टुकड़े टुकड़े कर डाले।
उसके बाद शमूएल ने अपने पूरे जीवन में शाऊल को नहीं देखा। शमूएल शाऊल के लिये बहुत दुःखी रहा और यहोवा को बड़ा दुःख था कि उसने शाऊल को इस्राएल का राजा बनाया।