याबेस बहुत अच्छा व्यक्ति था। वह अपने भाईयों से अधिक अच्छा था। उसकी मां ने कहा, “मैंने उसका नाम याबेस रखा है क्योंकि मैं उस समय बड़ी पीड़ा में थी जब मैंने उसे जन्म दिया।”
याबेस ने इस्राएल के परमेश्वर से प्रार्थना की । याबेस ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि तू मुझे सचमुच आशीर्वाद दे। मैं चाहता हूँ की तू मुझे अधिक भूमि दे। मेरे समीप रहे और किसी को मुझे चोट न पहुँचाने दे। तब मुझे कोई कष्ट नहीं होगा” और परमेश्वर ने याबेस को वह दिया, जो उसने माँगा।
(17-18) एज्रा के पुत्र येतेर, मेरेद, एपेर और यालोन थे। मेरेद, मिर्य्याह, शम्मै और यिशबह का पिता था। यिशबह, एशतमो का पिता था। मेरेद की एक पत्नी मिस्र की थी। उसके पुत्र येरेद, हेबेर, और यकूतीएल थे। येरेद गदोर का पिता था। हेबेर सोको का पिता था और यकूतीएल जानोह का पिता था। ये बित्या के पुत्र थे। बित्या फ़िरौन की पुत्री थी। वह मिस्र के मेरेद की पत्नी थी।
मेरेद की पत्नी नहम की बहन थी। मेरेद की पत्नी यहूदा की थी। मेरेद की पत्नी के पुत्र कीला और एशतमो के पिता थे। कीला गेरेमी लोगों में से था और एशतमो माकाई लोगों में से था।
(21-22) शेला यहूदा का पुत्र था। शेला के पुत्र एर, लादा, योकीम, कोर्जबा के लोग, योआश, और साराप थे। एर लेका का पिता था। लादा मारेशा और बेतअशबे के सन कारीगरों के परिवार समूह का पिता था। योआश और साराप ने मोआबी स्त्रियों से विवाह किया। तब वे बेतलेहेम को लौट गए। [*मोआबी स्त्रियों … लौट गए या “उन्होने मोआब और जशुबिलेम में शासन किया।”] उस परिवार के विषय में लिखित सामग्री बहुत प्राचीन है।
शिमी के सोलह पुत्र और छः पुत्रियाँ थीं। किन्तु शिमि के भाईयों के अधिक बच्चे नहीं थे। शिमी के भाईयों के बड़े परिवार नहीं थे। उनके परिवार उतने बड़े नहीं थे जितने बड़े यहूदा के अन्य परिवार समूह थे।
(34-38) यह सूची उन लोगों की है जो अपने परिवार समूह के प्रमुख थे। वे मशोबाब, यम्लेक, योशा (अमस्याह का पुत्र), योएल, योशिब्याह का पुत्र येहू, सरायाह का पुत्र योशिब्याह, असीएल का पुत्र सरायाह, एल्योएनै, याकोबा, यशोयाह, असायाह, अदिएल, यसीमीएल, बनायाह, और जीजा (शिपी का पुत्र) थे। शिपी अल्लोन का पुत्र था और अल्लोन यदायाह का पुत्र था। यदायाह शिम्री का पुत्र था और शिम्री शमायाह का पुत्र था। इन पुरुषों के ये परिवार बहुत विस्तृत हुए।
यह तब हुआ जब हिजकय्याह यहूदा का राजा था। वे लोग गदोर पहुँचे और हमीत लोगों से लड़े। उन्होंने हमीत लोगों के डेरों को नष्ट कर दिया। वे लोग सभी मूनी लोगों से भी लड़े जो वहाँ रहते थे। इन लोगों ने सभी मूनी लोगों को नष्ट कर डाला। आज भी इन स्थानों में कोई मूनी नहीं है। इसलिये उन लोगों ने वहाँ रहना आरम्भ किया। वे वहाँ रहने लगे, क्योंकि उनकी भेड़ों के लिये उस भूमि पर घास थी।
पाँच सौ शिमोनी लोग शिमोनी के पर्वतीय क्षेत्र में गए। यिशी के पुत्रों ने उन लोगों का मार्ग दर्शन किया। वे पुत्र पलत्याह, नायार्ह, रपायाह और उज्जीएल थे। शिमोनी लोग उस स्थान पर रहने वाले लोगों से लड़े।