बसन्त में, योआब इस्राएल की सेना को युद्ध के लिये ले गया। यह वही समय था जब राजा युद्ध के लिये यात्रा करते थे, किन्तु दाऊद यरूशलेम में रहा। इस्राएल की सेना अम्मोन देश को गई थी। उसने उसे नष्ट कर दिया। तब वे रब्बा नगर को गये। सेना ने लोगों को अन्दर आने और बाहर जाने से रोकने के लिये नगर के चारों ओर डेरा डाला। योआब और उसकी सेना ने रब्बा नगर के विरुद्ध तब तक युद्ध किया जब तक उसे नष्ट नहीं कर डाला।
दाऊद ने उनके राजा [*उनके राजा या, “मिल्काम” अम्मोनी लोगों का परमेश्वर।] का मुकुट उतार लिया। वह सोने का मुकुट तोल में लगभग पचहत्तर पौंड था। मुकुट में बहुमूल्य रत्न जड़े थे। मुकुट दाऊद के सिर पर रखा गया। तब दाऊद ने रब्बा नगर से बहुत सी मूल्यवान वस्तुएँ प्राप्त कीं।
दाऊद रब्बा के लोगों को साथ लाया और उन्हें आरों, लोहे की गैंती और कुल्हाड़ियों से काम करने को विवश किया। दाऊद ने अम्मोनी लोगों के सभी नगरों के साथ यही बर्ताव किया। तब दाऊद और सारी सेना यरूशलेम को वापस लौट गई।
बाद में इस्राएल के लोगों का युद्ध गेजेर नगर में पलिश्तियों के साथ हुआ। उस समय हूशा के सिब्बकै ने सिप्पै को मार डाला। सिप्पै दैत्यों के पुत्रों में से एक था। इस प्रकार पलिश्ती के लोग इस्राएलियों के दास के समान हो गए।
अन्य अवसर पर, इस्राएल के लोगों का युद्ध फिर पलिश्तियों के विरुद्ध हुआ। याईर के पुत्र एल्हानान ने लहमी को मार डाला। लहमी गोल्यत का भाई था। गोल्यत गत नगर का था। लहमी का भाला बहुत लम्बा और भारी था। यह करघे के लम्बे हत्थे की तरह था।
बाद में, इस्रालियों ने गत नगर के पास पलिश्तियों के साथ दूसरा युद्ध किया। इस नगर में एक बहुत लम्बा व्यक्ति था। उसके हाथ और पैर की चौबीस उँगलियाँ थीं। उस व्यक्ति के हर हाथ में छः उँगलियाँ और हर पैर की भी छः ऊँगलियाँ थीं। वह दैत्य का पुत्र भी था।