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Job 5:11
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Job Chapters
Job 5 Verses
1
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पुकार कर देख; क्या कोई है जो तुझे उत्तर देगा? और पवित्रों में से तू किस की ओर फिरेगा? |
2
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क्योंकि मूढ़ तो खेद करते करते नाश हो जाता है, और भोला जलते जलते मर मिटता है। |
3
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मैं ने मूढ़ को जड़ पकड़ते देखा है; परन्तु अचानक मैं ने उसके वासस्थान को धिक्कारा। |
4
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उसके लड़के-बाले उद्धार से दूर हैं, और वे फाटक में पीसे जाते हैं, और कोई नहीं है जो उन्हें छुड़ाए। |
5
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उसके खेत की उपज भूखे लोग खा लेते हैं, वरन कटीली बाड़ में से भी निकाल लेते हैं; और प्यासा उनके धन के लिये फन्दा लगाता है। |
6
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क्योंकि विपत्ति धूल से उत्पन्न नहीं होती, और न कष्ट भूमि में से उगता है; |
7
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परन्तु जैसे चिंगारियां ऊपर ही ऊपर को उड़ जाती हैं,वैसे ही मनुष्य कष्ट ही भोगने के लिये उत्पन्न हुआ है। |
8
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परन्तु मैं तो ईश्वर ही को खोजता रहूंगा और अपना मुक़द्दमा परमेश्वर पर छोड़ दूंगा। |
9
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वह तो एसे बड़े काम करता है जिनकी थाह नहीं लगती, और इतने आश्चर्यकर्म करता है, जो गिने नहीं जाते। |
10
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वही पृथ्वी के ऊपर वर्षा करता, और खेतों पर जल बरसाता है। |
11
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इसी रीति वह नम्र लोगों को ऊंचे स्थान पर बिठाता है, और शोक का पहिरावा पहिने हुए लोग ऊंचे पर पहुँचकर बचते हैं। |
12
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वह तो धूर्त्त लोगों की कल्पनाएं व्यर्थ कर देता है, और उनके हाथों से कुछ भी बन नहीं पड़ता। |
13
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वह बुद्धिमानों को उनकी धूर्त्तता ही में फंसाता है; और कुटिल लोगों की युक्ति दूर की जाती है। |
14
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उन पर दिन को अन्धेरा छा जाता है, और दिन दुपहरी में वे रात की नाईं टटोलते फिरते हैं। |
15
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परन्तु वह दरिद्रों को उनके वचनरुपी तलवार से और बलवानों के हाथ से बचाता है। |
16
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इसलिये कंगालों को आशा होती है, और कुटिल मनुष्यों का मुंह बन्द हो जाता है। |
17
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देख, क्या ही धन्य वह मनुष्य, जिस को ईश्वर ताड़ना देता है; इसलिये तू सर्वशक्तिमान की ताड़ना को तुच्छ मत जान। |
18
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क्योंकि वही घायल करता, और वही पट्टी भी बान्धता है; वही मारता है, और वही अपने हाथों से चंगा भी करता है। |
19
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वह तुझे छ: विपत्तियों से छुड़ाएगा; वरन सात से भी तेरी कुछ हानि न होने पाएगी। |
20
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अकाल में वह तुझे मुत्यु से, और युद्ध में तलवार की धार से बचा लेगा। |
21
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तू वचनरूपी कोड़े से बचा रहेगा और जब विनाश आए, तब भी तुझे भय न होगा। |
22
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तू उजाड़ और अकाल के दिनों में हँसमुख रहेगा, और तुझे बनैले जन्तुओं से डर न लगेगा। |
23
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वरन मैदान के पत्थर भी तुझ से वाचा बान्धे रहेंगे, और वनपशु तुझ से मेल रखेंगे। |
24
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और तुझे निश्चय होगा, कि तेरा डेरा कुशल से है, और जब तू अपने निवास में देखे तब कोई वस्तु खोई न होगी। |
25
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तुझे यह भी निश्चित होगा, कि मेरे बहुत वंश होंगे। और मेरे सन्तान पृथ्वी की घास के तुल्य बहुत होंगे। |
26
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जैसे पूलियों का ढेर समय पर खलिहान में रखा जाता है, वैसे ही तू पूरी अवस्था का हो कर क़ब्र को पहुंचेगा। |
27
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देख, हम ने खोज खोजकर ऐसा ही पाया है; इसे तू सुन, और अपने लाभ के लिये ध्यान में रख। |