2
|
मेरा जी चाहता है कि उत्तर दूं, और इसलिये बोलने में फुतीं करता हूँ। |
3
|
मैं ने ऐसी चितौनी सुनी जिस से मेरी निन्दा हुई, और मेरी आत्मा अपनी समझ के अनुसार तुझे उत्तर देती है। |
4
|
क्या तू यह नियम नहीं जानता जो प्राचीन और उस समय का है, जब मनुष्य पृथ्वी पर बसाया गया, |
5
|
कि दुष्टों का ताली बजाना जल्दी बन्द हो जाता और भक्तिहीनों का आनन्द पल भर का होता है? |
6
|
चाहे ऐसे मनुष्य का माहात्म्य आकाश तक पहुंच जाए, और उसका सिर बादलों तक पहुंचे, |
7
|
तौभी वह अपनी विष्ठा की नाईं सदा के लिये नाश हो जाएगा; और जो उसको देखते थे वे पूछेंगे कि वह कहां रहा? |
8
|
वह स्वप्न की नाईं लोप हो जाएगा और किसी को फिर न मिलेगा; रात में देखे हुए रूप की नाईं वह रहने न पाएगा। |
9
|
जिसने उसको देखा हो फिर उसे न देखेगा, और अपने स्थान पर उसका कुछ पता न रहेगा। |
10
|
उसके लड़के-बाले कंगालों से भी बिनती करेंगे, और वह अपना छीना हुआ माल फेर देगा। |
11
|
उसकी हड्डियों में जवानी का बल भरा हुआ है परन्तु वह उसी के साथ मिट्टी में मिल जाएगा। |
12
|
चाहे बुराई उसको मीठी लगे, और वह उसे अपनी जीभ के नीचे छिपा रखे, |
13
|
और वह उसे बचा रखे और न छोड़े, वरन उसे अपने तालू के बीच दबा रखे, |
14
|
तौभी उसका भोजन उसके पेट में पलटेगा, वह उसके अन्दर नाग का सा विष बन जाएगा। |
15
|
उसने जो धन निगल लिया है उसे वह फिर उगल देगा; ईश्वर उसे उसके पेट में से निकाल देगा। |
16
|
वह नागों का विष चूस लेगा, वह करैत के डसने से मर जाएगा। |
17
|
वह नदियों अर्थात मधु और दही की नदियों को देखने न पाएगा। |
18
|
जिसके लिये उसने परिश्रम किया, उसको उसे लौटा देना पड़ेगा, और वह उसे निगलने न पाएगा; उसकी मोल ली हुई वस्तुओं से जितना आनन्द होना चाहिये, उतना तो उसे न मिलेगा। |
19
|
क्योंकि उसने कंगालों को पीस कर छोड़ दिया, उसने घर को छीन लिया, उसको वह बढ़ाने न पाएगा। |
20
|
लालसा के मारे उसको कभी शान्ति नहीं मिलती थी, इसलिये वह अपनी कोई मनभावनी वस्तु बचा न सकेगा। |
21
|
कोई वस्तु उसका कौर बिना हुए न बचती थी; इसलिये उसका कुशल बना न रहेगा |
22
|
पूरी सम्पत्ति रहते भी वह सकेती में पड़ेगा; तब सब दु:खियों के हाथ उस पर उठेंगे। |
23
|
ऐसा होगा, कि उसका पेट भरने के लिये ईश्वर अपना क्रोध उस पर भड़काएगा, और रोटी खाने के समय वह उस पर पड़ेगा। |
24
|
वह लोहे के हथियार से भागेगा, और पीतल के धनुष से मारा जाएगा। |
25
|
वह उस तीर को खींच कर अपने पेट से निकालेगा, उसकी चमकीली नोंक उसके पित्ते से हो कर निकलेगी, भय उस में समाएगा। |
26
|
उसके गड़े हुए धन पर घोर अन्धकार छा जाएगा। वह ऐसी आग से भस्म होगा, जो मनुष्य की फूंकी हुई न हो; और उसी से उसके डेरे में जो बचा हो वह भी भस्म हो जाएगा। |
27
|
आकाश उसका अधर्म प्रगट करेगा, और पृथ्वी उसके विरुद्ध खड़ी होगी। |
28
|
उसके घर की बढ़ती जाती रहेगी, वह उसके क्रोध के दिन बह जाएगी। |
29
|
परमेश्वर की ओर से दुष्ट मनुष्य का अंश, और उसके लिये ईश्वर का ठहराया हुआ भाग यही है। |
Job 20:8 English Language Bible Words basic statistical display
COMING SOON ...